अखिल भारतीय लोधी अधिकारी-कर्मचारी संघ
परिचय:
- यह लोधी समाज के जिसमें लोधी, लोधी राजपूत, लोध, लोधा आदि गोत्र शामिल हैं, अधिकारियों एवं कर्मचारियों का संगठन है।
- “अधिकारी-कर्मचारी” से लोधी समाज के ऐसे पुरुष/ महिला अभिप्रेत हैं जो केंद्रीय सरकार, राज्य सरकर्रों, केंद्र अथवा राज्य सरकार के उपक्रमों, अर्ध-सरकारी संस्थानों में कार्यरत हैं अथवा इनसे सेवानिवृत्त हैं।
कार्यक्षेत्र:
- संघ का कार्यक्षेत्र संपूर्ण भारत होगा।
मुख्यालय:
- राष्ट्रीय मुख्यालय दिल्ली में होगा। राज्य इकाई का मुख्यालय राज्य विशेष की राजधानी एवं जिला इकाई का जिला मुख्यालय में होगा।
गठन के कारण:
- समाज के हर वर्ग की समस्याएं, आवश्यकता एवं भूमिकाएं अलग-अलग होती हैं।
- इनका समाधान एवं परिपूर्णता भी अलग-अलग होती है।
- लोधी समाज का अधिकारी-कर्मचारी वर्ग भी इससे अछूता नहीं हैं।
उद्देश्य : व्यापक
- अधिकारियों-कर्मचारियों को संगठित करना;
- अधिकारियों-कर्मचारियों के हितों की रक्षा करना;
- अधिकारियों-कर्मचारियों के मौलिक अधिकारों के हनन को रोकने के लिए हर संभव कदम उठाना;
- अधिकारियों-कर्मचारियों के आर्थिक एवं राजनैतिक शोषण को रोकने के लिए प्रयास करना।
उद्देश्य : व्यापक
- समाज का सामाजिक, आर्थिक, बौद्धिक, नैतिक और आध्यात्मिक विकास करना;
- समाज में व्याप्त रूढ़ियों एवं अंधविश्वासों का उन्मूलन करना;
- मृत्युभोज, दहेज एवं बाल विवाह जैसी समाजिक कुरीतियों को समाप्त करना;
- वैवाहिक समारोहों में फिजूल खर्ची को रोकने के लिए जागरूकता पैदा करना;
- बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण और रोजगार में यथासंभव सहयोग करना;
- बालिका/महिला शिक्षा पर विशेष ध्यान देते हुए समाज का शत-प्रतिशत शैक्षणिक विकास करना;
- संवैधानिक कर्तव्यों एवं अधिकारों के प्रति समाज में जागरूकता का विकास करना;
- प्रतिभाशाली युवाओं की खोज करना और प्रतियोगी परीक्षाओं में उनकी सफलता के लिए उनका मार्गदर्शन करना;
- उच्च शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले समाज के युवाओं के लिए
- दिल्ली; और
- राज्यों की राजधानियों में
होस्टल खोलना एवं उनका प्रभावी संचालन करना।
प्रमुख कार्य
- समाज के समग्र विकास के लिए सामाजिक संगठनों/ संस्थाओं के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए यथोचित सहयोग करना;
- सामाजिक एकजुटता के लिए प्रयास करना;
- समाज में व्याप्त कुरीतियों एवं रूढ़ियों के विरुद्ध जन जागरुकता अभियान चलाना ;
- समाज के हित में चिकित्सा शिविरों, परामर्श शिविरों एवं जागरूकता शिवरों का आयोजन करना;
- समाज के प्रतिभाशाली छात्र/छात्राओं के मार्गदर्शन के लिए शिवर आयोजित करना;
- समाज की प्रतिभाओं को सम्मानित करना;
- समाज में विशेषकर पारिवार में महिलाओं से संबन्धित मामलों में निर्णय-निर्माण में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए प्रयास करना;
- समाज में जागरूकता विकसित करने के लिए पत्र/पत्रिकाओं का प्रकाशन करना ; ;
- संघ की राज्य एवं जिला स्तरीय शाखाओं की स्थापना करना और उनके लिए पर राज्यों की राजधानी एवं जिला मुख्यालयों में कार्यालयों की स्थापना को सुकर बनाना;
संघ के वार्षिक अधिवेशन का सदस्यों की सहमति से दिल्ली अथवा किसी अन्य स्थानों पर आयोजन करना;
- संघ के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए अन्य आवश्यक उपाय।
अखिल भारतीय लोधी अधिकारी-कर्मचारी संघ
सदस्यता एवं शुल्क
- संस्थापक सदस्य : 31000/- रुपये
- आजीवन सदस्य : 1100/- रुपये
- वार्षिक सदस्य : 100/- रुपये
सदस्यता की समाप्ति
संघ के सदस्य की सदस्यता समाप्त कर दी जाएगी यदि
- संघ के नियमों के विरुद्ध आचरण करता है;
- न्यायालय द्वारा राज्य की किसी दांडिक विधि के उल्लंघन का दोषी करार दिया जाता है;
- मानसिकरूप से विकलांग हो जाता है; अथवा सदस्य की मृत्यु हो जाती है।
परामर्शदात्री समिति
- केंद्रीय स्तर पर एक परामर्शदात्री समिति होगी;
- परामर्शदात्री समिति में सभी संस्थापक सदस्य होंगे;
- पदाधिकारियों के कार्यकरण की निगरानी करेगी;
- उसके प्रभावी कार्यकरण के लिए यथोचित सलाह देगी;
- परामर्शदात्री समिति द्वारा दी गई सलाह मानने को कार्यकारिणी बाध्य होगी।
राष्ट्रीय मार्गदर्शक
- परामर्शदात्री समिति द्वारा मनोनीत किया जाएगा और उसका कार्यकाल तीन वर्ष का होगा।
- समाज को शैक्षिक रूप से सशक्त बनाने के लिए संघ का मार्गदर्शन करेगा।
- समाज में व्याप्त कुरीतियों के उन्मूलन के लिए भावी योजनाएं बनाने और उन्हें जमीनी स्तर पर कार्यान्वित करने में केंद्रीय कार्यकारिणी का मार्गदर्शन करेगा ।
राष्ट्रीय संयोजक
- परामर्शदात्री समिति द्वारा मनोनीत किया जाएगा और उसका कार्यकाल तीन वर्ष का होगा;
- परामर्शदात्री समिति और कार्यकारिणी के बीच समन्वय करेग;
- वार्षिक अधिवेशनों के आयोजन में राज्य इकाई के साथ समन्वय करेगा;
- संघ के कार्यक्रम का व्यापक स्तर पर कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए कार्य करेगा।
राष्ट्रीय प्रवक्ता
- परामर्शदात्री समिति के परामर्श से केंद्रीय कार्यकारिणी द्वारा मनोनीत किया जाएगा और उसका कार्यकाल तीन वर्ष का होगा।
- संघ की नीतियों, पहलों एवं गतिविधियों को समाज के समक्ष औपचारिक रूप से रखने के लिए प्राधिकृत होगा।
- मीडिया प्रभारी के कार्य की सीधी निगरानी करेगा।
केंद्रीय कार्यकारिणी
केंद्रीय कार्यकारिणी में निम्नलिखित होंगे :
- अध्यक्ष – 01
- वरिष्ठ उपाध्यक्ष – 01
- उपाध्यक्ष – 11 (उ.प्र.-01, म.प्र.-01, दिल्ली – 01 हरियाणा एवं पंजाब -01, राजस्थान-01, महाराष्ट्र -01, गुजरात-01, छत्तीसगढ़ एवं झारखंड -01, उत्तराखण्ड – 01, दक्षिण राज्य -01 एवं शेष भारत -01)
- महासचिव – 11 (उ.प्र.-01, म.प्र.-01, दिल्ली – 01 हरियाणा एवं पंजाब -01, राजस्थान-01, महाराष्ट्र -01, गुजरात-01, छत्तीसगढ़ एवं झारखंड -01, उत्तराखण्ड – 01, दक्षिण राज्य -01 एवं शेष भारत -01)
- संगठन सचिव –– 11 (उ.प्र.-01, म.प्र.-01, दिल्ली – 01 हरियाणा एवं पंजाब -01, राजस्थान-01, महाराष्ट्र -01, गुजरात-01, छत्तीसगढ़ एवं झारखंड -01, उत्तराखण्ड – 01, दक्षिण राज्य -01 एवं शेष भारत -01)
- मुख्यालय सचिव – 01 (दिल्ली-एनसीआर को प्राथमिकता)
- कोषाध्यक्ष – 01
- कार्यकारी सदसय – 20 (उ.प्र.-02, म.प्र.-02, दिल्ली-02 हरियाणा -01, पंजाब -01, राजस्थान-01, महाराष्ट्र -01, गुजरात-01, छत्तीसगढ़ -01, झारखंड -01, दक्षिण राज्य – 01, शेष भारत -01 एवं मनोनीत-05 )
- मीडिया प्रभारी * – 01
- लेखापरीक्षक * – 01
- विधि सलाहकार * – 01
* परामर्शदात्री समिति के परामर्श से संघ की कार्यकारिणी द्वारा नामित किए जाएंगे। सरकारी सेवा से जुड़े अधिकारियों/कर्मचारियों को प्राथमिकता दी जाएगी।
कार्यकारिणी का कार्यकाल
- कार्यकारिणी का कार्यकाल 02 (दो) वर्ष का होगा;
- निर्वाचन की तारीख से दो वर्ष पूरे होने पर कार्यकाल स्वत: समाप्त हो जाएगा;
- संघ का कोई भी सदस्य कार्यकारिणी में कोई भी पद लगातार दो कार्यकाल के लिए ही धारण कर सकेगा।
- किसी विषम परिस्थिति के कारण यदि नियत समय पर चुनाव नहीं हो पाते हैं तो
- परामर्शदात्री समिति 06 (छह) माह की अवधि के लिए एक तदर्थ समिति नियुक्त करेगी।
- तदर्थ समिति 06 माह के भीतर नई कार्यकारिणी का चुनाव सुनिश्चित करेगी।
निर्वाचन
- कार्यकारिणी के सभी पदाधिकारियों का निर्वाचन संबंधित वर्ष में आयोजित होने वाले वार्षिक अधिवेशन में किया जाएगा, जो विषम परिस्थितियों के अलावा अप्रैल माह में आयोजित किया जाएगा;
- निर्वाचन समिति की नियुक्ति संघ की परामर्शदात्री समिति द्वारा संबंधित अधिवेशन से एक माह पूर्व कर दी जाएगी;
- वार्षिक अधिवेशन में उपस्थिति सदस्यों द्वारा किया जाएगा;
- मतदान की आवश्यकता पड़ने पर निर्वाचन लोकतांत्रिक पद्धति से मतदान द्वारा किया जाएगा;
- यदि किन्हीं विषम परिस्थितियों वश किसी पद पर चुनाव नहीं हो पता है, तो चुनी गई शेष कार्यकारिणी परामर्शदात्री समिति से विचार-विमर्श कर उन पदों पर सदस्यों से मनोनीत कर सकेगी।
राज्य/जिला इकाई
- केंद्रीय कार्यकारिणी की तर्ज पर राज्य/जिला स्तर पर संघ की इकाइयों की स्थापना की जाएगी;
- राज्य/जिला स्तरीय कार्यकारिणी का पदाक्रम केंद्रीय कार्यकारिणी के समान होगा;
- राज्य/जिला स्तरीय इकाइयों के उद्देश्य, कार्यकलाप, कार्यकाल, चुनाव प्रक्रिया केंद्रीय कार्यकारिणी के समान होगी।
- राज्य और जिला कार्यकारिणी के निर्वाचन का उत्तरदायित्व क्रमश: केंद्रीय कार्यकारिणी में संबंधित राज्य के पदाधिकारियों और राज्य कार्यकारिणी का होगा।
अपवाद
राज्य/जिला कार्यकारिणी के पदाधिकारियों की संख्या राज्य/ जिला के भौगोलिक/जनसांख्यिक आधार पर निम्नानुसार तय की जा सकेगी :
- राज्य स्तरीय कार्यकारिणी : केंद्रीय कार्यकारिणी की अनुशंसा पर परामर्शदात्री समिति के अनुमोदन से।
- जिला स्तरीय कार्यकारिणी : राज्य कार्यकारिणी की बैठक में जिसमें केंद्रीयकारिणी में संबंधित राज्य के उपाध्यक्ष, महासचिव एवं संगठन सचिव भी उपस्थिति होंगे, अनुमोदन से ।
अखिल भारतीय लोधी अधिकारी-कर्मचारी संघ
निधियन (Funding)
केंद्रीय कार्यकारिणी
- केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठकों और उसके द्वारा आयोजित कार्यक्रमों के लिए धन की व्यवस्था केंद्रीयकारिणी और संबंधित राज्य इकाई को, जहां कार्यक्रम प्रस्तावित है, अपने संसाधनों से करनी होगी।
राज्य/जिला इकाई
- राज्य/जिला इकाई की बैठकों और उनके द्वारा आयोजित कार्यक्रमों के लिए धन की व्यवस्था संबंधित इकाई को अपने संसाधनों से करनी होगी।